औद्योगिक परियोजनाएँ
पारस्परिक लाभ हेतु संस्थान अपने संकाय, वैज्ञानिकों, तकनीकज्ञों और छात्रों को उद्योगों के साथ सभी संभव तरीकों से बातचीत करने के लिए प्रोत्साहित करता है| बातचीत के प्रमुख तरीके नीचे सूचीबद्ध हैं –
• संकाय सदस्यों द्वारा उद्योगों के लिए अनुभवी परामर्श| • कार्यस्थल पर अथवा प्रयोगशाला में संकाय सदस्यों और तकनीकज्ञों द्वारा औद्योगिक परीक्षण| • संकाय सदस्यों और उद्योगों के लोगों द्वारा संयुक्त अनुसंधान कार्यक्रम और क्षेत्र अध्ययन| • उद्योगों के लिए अध्ययन व् चर्चा हेतु, पारस्परिक हितों के विषयों पर व्याख्यान देने के लिए संकाय सदस्यों का दौरा| • अभ्यासरत इंजीनीरियों व् उद्योग अधिकारियों के द्वारा अनुसंधान कार्यों, प्रयोगशालाओं, चर्चाओं को देखने व् औद्योगिक पद्धतियों व् प्रवर्तियों व् अनुभवों पर अपने व्याख्यान देने हेतु दौरा| • भावनात्मक और रणनीतिक रूप से दोनों पक्षों को करीब लाने के लिए, संस्थानों और उद्योगों के बीच समझौता ज्ञापन| • अभ्यासरत इंजीनियरों हेतु संकाय सदस्यों द्वारा मानव संसाधन विकास कार्यक्रम| • संकाय सदस्यों और उद्योगों की संयुक्त भागीदारी के साथ कॉर्पोरेट/निगमित व्याख्यान शृंखलाएँ, कार्यशालाएँ, सम्मलेन व् परिचर्चाएं| • पाठ्यक्रम विकास में उद्योगों से विशेषज्ञों की भागीदारी| • सहयोगी डिग्री कार्यक्रम| • उद्योग विशेषज्ञों व् संकाय सदस्यों के मार्गदर्शन के अंतर्गत, उद्योगों में बी टेक व् एम टेक परियोजना/ शोध कार्य| • आईo आई o टीo रुड़की में अभ्यासरत इंजीनीयरों का एम् टेक/पीo एचo डीo कार्यक्रमों में अंशकालिक रूप से भाग लेना| • उद्योगों में संकाय सदस्यों को अल्पकालिक कार्य| • उद्योगों से संकाय सदस्यों / प्रोफेसरों का दौरा करना| • संस्थान में उद्योगों द्वारा स्थापित व्यावसायिक कुर्सियां • संस्थान में उद्योगों द्वारा प्रायोजित संसाधन और विकास प्रयोगशालाएँ| • छात्रों के लिए संस्थान में, विभिन्न उद्योगों द्वारा छात्रवृत्ति, अधिसदस्य्ता स्थापित की जाती| • छात्रों का उद्योगों में व्यवाहरिक परिक्षण|